
महान प्रेरक पुरुष युग ऋषि बिहार के मिट्टी के लाल दशरथ मांझी की पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन। करते हैं और अभिनंदन करते हैं!
Tuesday, August 17, 2021
पहाड़ को चीरकर रास्ता बनाने वाले महान प्रेरक पुरुष युग ऋषि बिहार के मिट्टी के लाल #दशरथ_मांझी की पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन। 🙏🙏
दशरथ मांझी बिहार का एक मजदूर जिसका गांव सुदूर इलाके में पहाड़ो के उस पार पड़ता था गांव से हॉस्पिटल जाने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं था जिसके कारण घंटो की दूरी तय करके हॉस्पिटल जाना होता था, पहाड़ के बीचों बीच अगर रास्ता बन जाता तो घंटो की दूरी मिनटों में तय की जा सकती थी, जब उसकी पत्नी का प्रसव पीड़ा हुई तो हॉस्पिटल दूर होने के कारण रास्ते मे ही उसकी मृत्यु हो गई। उसके बाद दशरथ मांझी ने यह प्रण लिया कि पहाड़ को तोड़कर रास्ता बनाएंगे ताकि फिर कभी किसी बीमार व्यक्ति को जीवन से हाथ न धोना पड़े और हठ योग ऐसा कि 'जबतक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं' लगातार 22 वर्षों तक पहाड़ पर छेनी- हथौड़ा चलाते रहा, असंभव को भी संभव कर दिखाया और पहाड़ चीरकर एक सुगम रास्ता बना डाला, दुनिया मे प्रेम का इससे बड़ा कोई स्मारक हो ही नहीं सकता। ये है माउंटेनमैन दशरथ मांझी की प्रेम कहानी। साक्षात प्रेम का इतना बड़ा स्मारक जो दुनियाभर को टूरिस्टों के लिए एक टूरिस्ट स्पॉट हो सकता था बिहार की सरकारों ने अब तक इसपर ध्यान नहीं दिया। हम युवाओं का यह जिम्मा बनता है कि इसको ग्लोबल बनाने में सभी सहयोग करें। मित्रों दशरथ मांझी के बारे में जितना ज्यादा सोशल मीडिया में लिखा पढ़ा जाएगा उतना ही बिहार आने और प्रेम के इतने बड़े स्मारक के प्रति पर्यटकों का ध्यान आकृष्ट होगा।