भारतीय डाक को हो रहे नफा - नुक़सान को सीधे एवं सच्चे भाषा में समझिए।

भारतीय डाक को हो रहे नफा - नुक़सान को सीधे एवं सच्चे भाषा में समझिए।

भारतीय डाक को हो रहे नफा - नुक़सान को सीधे एवं सच्चे भाषा में समझिए।
मिली जानकारी के अनुसार सु,,त्र 

भारतीय डाक की वर्तमान हालत पर मैं एक छोटा एवं सच्चा उदाहरण देता हू। मेरे ओफ़िस से प्रतिमाह अनुमानित 500 पत्र भेजा जाता है। परंतु डाक कर्मचारियों के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार के कारण मैं मात्र 100 (सिर्फ सरकारी) पत्र ही भारतीय डाक द्वारा भेज पाता हू एवं बाकी प्राइवेट कोरियर द्वारा भेजता हू। हर बार 20 से 50 पोस्ट के लिये मेरे ऑफ़िस के एक ऐसे स्टाफ को पूरे दिन लाइन लगाना पड़ता है जिसका वेतन एक दिन में 400 से 500 रुपये बनता है। कई बार तो डाकघर में बुकिंग काउंटर पर बैठा कर्मचारी पहले से लाइन में लगे मात्र 10 - 15 लोगों का डाक ही लेता है एवं बाक़ी लोगों को कोई न कोई बहाना बताकर अगले दिन आने को बोलकर वापस कर देता है। डाक कर्मचारियों को अगर आप उनका कर्तव्य याद दिलाने की कोशिस करेंगे तो वे आँखे दिखाने लगते है। अब आप ही बताओ जब अकेले मेरे कार्यालय से भारतीय डाक को प्रतिमाह 15 से 20 हजार का नुक़सान हो रहा है फिर पूरे देश से कितना होता होगा??
@IndiaPostOffice 

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